निर्णय के लिए दूसरों पर निर्भरता
प्रस्तुत लेख आचार्य प्रशांत के संवाद सत्र का अंश है।
आचार्य प्रशांत: जब तक तुम्हें निर्णय लेने ‘पड़’ रहे हैं, तुम्हें दूसरों पर आश्रित होना ही पड़ेगा। जब तक तुम्हें निर्णय लेने ‘पड़’ रहे हैं, तुम्हें दूसरों का सहारा लेना ही पड़ेगा।
निर्णय का अर्थ है कि बहुत सारे विकल्प हैं। निर्णय तभी करते हो न जब कई विकल्प हों? निर्णय का अर्थ ही है उन विकल्पों में मुझे सूझ ही नहीं रहा कि मेरे लिए…