ध्यान की इतनी विधियाँ क्यों?
विधियाँ उनके लिये हैं, जिन्हें सत्य को तो पाना है, और अपनी ज़िद को भी बचाना है। ख़ुदा को भी पाना है, और अपनी ज़िद को भी बचाना है। ध्यान की विधियाँ उनके लिये हैं।
जैसे कि कोई सौ किलो वज़न उठाकर दौड़ने का अभ्यास करे, और कहे कि बहुत मुश्किल है, और मंज़िल पर पहुँचने के लिये, कम से कम पाँच वर्ष का अभ्यास तो चाहिये। बिल्कुल चाहिये, पाँच वर्ष का अभ्यास, अगर ज़िद है तुम्हारी कि सौ किलो वज़न लेकर ही चलना है। अब ये जो सौ किलो वज़न…