धोखा देकर शारीरिक संबंध बनाने वाले

अपने आप को जानो और ज़िन्दगी का मकसद समझो। ज़िन्दगी खत्म करने की बात भी तुम्हारे मन में इसीलिए उठ रही है क्योंकि तुमने ज़िन्दगी को शरीर से बहुत ज़्यादा जोड़ कर देख लिया है। देखो, एक ही ग़लती है जो पहले भी करी थी और अब भी दोहरा रही हो। पहले तुमने बहुत कीमत दे दी उस आदमी के शरीर को। तुम यहाँ लिख तो रही हो कि उसका आकर्षक व्यक्तित्व, प्यारी बातें, इसका बहुत बड़ा हिस्सा तो शरीर ही होता है न? दिखने में अच्छा रहा होगा। होगा लम्बा-चौड़ा…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org