दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए
प्रश्नकर्ता: कुछ दिन पहले आपका एक सत्र देख रहा था, उसमें अपने बोला था कि आज के साधक को संसार से उतना ख़तरा नहीं है, जितना समकालीन, आज के गुरुओं से है। मेरे कुछ दोस्त भी कुछ समकालीन गुरुओं के पास जाते हैं। कृपा करके इस विषय पर थोड़ा और प्रकाश डालें ताकि मैं भी इस बात को पूरा देख पाऊँ और दोस्तों तक भी पहुँचा पाऊँ।
आचार्य प्रशांत: क्यों बोलूँ इस विषय पर? दुनिया में इतना कुछ है जिस पर बोला जा सकता है और जिस पर…