दूसरों की गलती कितनी बर्दाश्त करें?
5 min readApr 27, 2020
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प्रश्न: जब कभी-कभी मुझे लगता है कि कोई गलत कर रहा है या बोल रहा है, तो मैं उन्हें रोक नहीं पाती। ऐसा लगता है कि बोलूँगी तो उन्हें बुरा लगेगा, या उनको तक़लीफ़ होगी। उनकी बात पर बस हँस कर चली आती हूँ। क्या ऐसा करना ठीक है?
आचार्य प्रशांत : न ठीक है, न गलत है। ये तुम वही कर रही हो, जो तुम अपने साथ चाहती हो होना।