दूसरे क्या सोचेंगे, दुनिया क्या कहेगी?
30 min readOct 25, 2021
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प्रश्नकर्ता: मैं जब अपनी ज़िन्दगी के बीते सालों को देखता हूँ तो दिखता है कि बहुत कुछ किया जा सकता था पर दूसरे क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे, ये ख़्याल कर-करके मैंने कुछ किया नहीं। और आपका जीवन देखता हूँ तो पाता हूँ कि आपने सब कुछ लीग (संघ) से हटकर किया, कोई नायाब काम करने से कभी डरे नहीं। आपने लाइफ एजुकेशन (जीवन शिक्षा) जैसे काम को कॉर्पोरेशन के साथ जोड़ दिया, सन दो हज़ार छह में यूपीएससी छोड़ दिया, बिना ख़्याल करे कि लोग मेरे बारे…