दूसरे को अपना बोझ मत बनने दो
प्रश्नकर्ता (प्र): क्या मेरा हल्का होना सामने वाले को पता चलेगा?
आचार्य प्रशांत: यही बोझ है।
प्र १: सर, मैं इसलिए पूछ रही हूँ…
आचार्य: हम्म हम्म हम्म.. मत पूछो! यही बोझ है। सामने वाला ही तो बोझ है ना! ये विचार भी कि — “मेरे हलके होने से क्या सामने वाले को पता चलेगा” — इस क्षण तुम्हें ये विचार आ कैसे सकता है?