दुनिया में अपनी भूमिका कैसे निभाएँ?
हे राघव! अंदरूनी रूप से सभी इच्छाओं को त्याग दो, आसक्तियों और आवृत वृत्तियों से मुक्त हो जाओ, सब कुछ बाहरी रूप से करो। इस प्रकार दुनिया में अपनी भूमिका निभाओ।
~ योगवासिष्ठ सार
प्रश्नकर्ता: इस स्थिति में कैसे रहें और दुनिया में क्या भूमिका हो?
आचार्य प्रशांत: यह स्थिति तय कर देगी कि दुनिया में आपकी क्या भूमिका होगी। वो स्थिति प्राथमिक है, आप उसकी लगन लगाएँ; भूमिका बाद में आती है। आप शांत हो गए, अब आपकी शांति तय करेगी कि आपको क्या करना है। आप पहले से थोड़े ही तय करेंगे कि, “शांत होकर फिर मैं क्या करूँगा।”