दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है- मजबूरी!
1 min readJul 31, 2020
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हम अपने आपको बहुत कमज़ोर समझते हैं। हम भूल गए हैं कि चुनाव का हक हमें है। हम भूल गए हैं कि विवेक की ताकत हमारे पास है।
कोई छोटी-सी चीज़ आती है, हमारे ज़हन पर छा जाती है और हम कहते हैं “हम तो मजबूर हैं।” हम भूल गए हैं कि घटनाएँ सारी बाहर घटती हैं। भीतर आपका एकछत्र स्वामित्व होता है। भीतर के बादशाह आप हो।
बाहर की घटना, भीतर हलचल तब तक नहीं मचा सकती जब तक आप उसको ‘अनुमति’ न दो।
पूरा वीडियो यहाँ देखें।
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