दुःख, सुख, और परमसुख
प्रश्नकर्ता: एक हँसता हुआ जीवन क्या है?
आचार्य प्रशांत: तीन स्थितियां होती हैं मन की:
दुःख- जहाँ पर आंसू हैं, जहाँ मन रोता है। दुःख से मन हमेशा बचना चाहता है।
दुःख से प्रियकर स्थिति मन को लगती है सुःख की। सुःख में हंसी है, मन सुःख की ओर आकर्षित होता है। दिक्कत बस इतनी सी है, कि सुख के होने के लिए, दुःख का होना आवश्यक हो जाता है। सुख का अनुभव ही न हो, यदि दुःख न हो। तो सुःख की…