दमित जीवन ही उत्तेजना माँगता है
हम इतनी छोटी, तेजहीन और औछी ज़िंदगी जीते हैं कि उसमें किसी भी प्रकार की असुरक्षा के लिए, ख़तरे के लिए, यहाँ तक कि विविधता तक के लिए जगह नहीं होती है।
एक राजा की कहानी है:
उसने पूरी सुरक्षा के लिए एक महल बनवाया। महल बहुत मज़बूत, अभेद्य दुर्ग। उससे किसी ने पूछा, “दीवारें तो बहुत मज़बूत हैं, पर क्या दरवाज़े मज़बूत हैं?” उसे किसी ने सलाह दी कि दरवाज़े भी उतने ही मज़बूत होने चाहिए। तो उसने…