तैंतिस कोटि देवता मरिहैं
कीट पतंग और ब्रह्मा भी चले गए
कोई न रहेगा अवसान
~ मीरा
प्रश्नकर्ता: सर, ब्रह्मा भी चले गए, यह बात कुछ समझ में नहीं आ रही है।
आचार्य प्रशांत: कुछ नहीं है जो मन से न निकला हो।
मन ही जन्म है, मन ही मत्यु है। व्यर्थ ही नहीं कहते हैं कबीर कि तैंतिस कोटि देवता मरिहैं। तैंतिस कोटि देवता मरे हैं, कैसे? क्यों?