तुम मानव हो या मशीन?

प्रश्न: आचार्य जी, अचानक गुस्सा क्यों आता है?

आचार्य प्रशांत: बल्ब चालू करते हो, कितना टाइम लगता है बल्ब को जलने में? सब कुछ अचानक हो जाता है ना? हम भी वैसे ही हैं।

प्रश्नकर्ता: लेकिन बाद में दुःख होता है ना, कि हमने गलत किया !

आचार्य प्रशांत: बाद में वो जो बंद होता है पंखा चलने के बाद, तो गर्मी होती है उसमें खूब। गर्मी पैदा हो गई होती है, वो बाद में पता चलती है।

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रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org