तुम कमज़ोर नहीं हो
आचार्य प्रशांत: देखो, हमारी सारी बातों के पीछे एक धारणा है। वो धारणा जानते हो क्या है? वो ये है कि हम कमज़ोर हैं। मैं तुमसे लगातार-लगातार यही कहता आ रहा हूँ कि तुम कमज़ोर नहीं हो।
थोड़ी श्रद्धा तो रखो इस बात में कि तुम कमज़ोर नहीं हो। तुम गहराई से डरे हुए हो क्योंकि तुमने मान रखा है कि तुममें कोई कमी है और तुम्हें सहारे की ज़रुरत है। मैं तुमसे कह रहा हूँ कि तुममें कोई कमी नहीं है और तुम्हें सहारे की ज़रुरत नहीं है। तुम्हारी जितनी…