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तुम उस कमी से परेशान हो जो है ही नहीं

जो आदमी, जो व्यवस्था, जो शिक्षा, जो माहौल, जो संगति तुम्हें ये सन्देश देती हो कि तुममें मूल रूप से कोई कमी है, उससे बचना।

और वो सन्देश यह कह के नहीं दिया जाता कि तुममें कमी है, वो सन्देश अक्सर ये कह के दिया जाता है कि हम तुम्हारी कीमत में कुछ इज़ाफा कर सकते हैं। इज़ाफा तो तभी किया जाएगा न जब पहले कोई कमी होगी?

उनसे पूछो कि ‘तुझे मुझमें ऐसी क्या कमी दिख रही है, कि तू मूल्य वृद्धि कर देगा?’

पूरा वीडियो यहाँ देखें।

आचार्य प्रशांत के विषय में जानने, और संस्था से लाभान्वित होने हेतु आपका स्वागत है

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

Written by आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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