तुम्हें अगर जीवन में बड़े कष्ट हैं

तो ये अच्छी खबर है,

इससे यही पता चलता है कि

अभी मर नहीं गए हो।

अगर तुम्हारा हृदय अभी भी काँपता है

अगर तुम रोते हो, परेशान होते हो,

तो एक तरीके से ये शुभ लक्षण हैं।

इससे यही पता चलता है कि

अभी भीतर कोई है

जो तुमको पुकार-पुकार कर कह रहा है,

“बदलो, बदलो, ये ठीक नहीं है।”

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org