तुम्हारे भीतर छिपा है असीम बल
आचार्य प्रशांत: क्या कर रहे थे आप लोग रात में? शोर मचा रहे थे? लेटा हुआ था मैं, बहुत आवाज़ें आ रही थी। क्या कर रहे थे?
श्रोता: गा रहे थे।
आचार्य: क्या गा रहे थे?
श्रोता: झीनी रे झीनी चदरिया…
आचार्य: क्या अर्थ है उसका? कौन-सी चादर है? किस चादर की बात हो रही है? प्राणी, जीव, जो पूरा ऑर्गेनिज़्म है उसकी बात हो रही है। तन-मन दोनों पर मन…