तुम्हारा प्रयास ही बाधा है समझने में

आचार्य प्रशांत (आचार्य): हड़बड़ी नहीं दिखानी है, न कुछ करने में कूद पड़ना है। जब उलझन में हो, तो रुक जाना है, ठहर के उस उलझन को समझ लेना है। और समझते ही सब साफ़ हो जाएगा — क्या करना है, क्या नहीं, अपने आप दिखाई देने लग जाएगा। जब उलझन हो तो याद रखो, वहाँ पर जल्दी से कुछ कर नहीं देना है। हम काम से ऑब्सेस्ड रहते हैं, जब उलझन हो तो सबसे पहले उस उलझन को समझ लेना है। और समझते ही फिर उलझन रहेगी नहीं। ठीक है? कुछ आ रही है बात समझ में…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org