तीन रास्ते और हज़ार योनियाँ
8 min readApr 23
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आचार्य प्रशांत: एक मार्ग है झूठे सच का। झूठे सच का मार्ग; इसको तमसा का मार्ग भी कह सकते हैं। तमसा क्या है? झूठा सच। झूठा सच कैसे? आपने अपने आपको आश्वस्त कर लिया है कि जो है यही सच है। आपने अपने-आपको आश्वस्त कर लिया है कि जो कुछ आख़िरी है वो आपको मिल ही गया है। आप आत्मविश्वास से भरपूर हैं। आपने अपने-आपको एक छद्म संतुष्टि दे दी है। आपने अपने-आपको एक प्रमाण पत्र दे दिया है कि आपकी ज़िंदगी में और संसार में लगभग सब कुछ ठीक ही है। यह एक मार्ग है।