डिप्रेशन या अवसाद का कारण
दो पक्ष हैं इसके। दोनों को समझ लेंगे।
पहली चीज़ ये है कि वैज्ञानिक क्रांति के बाद जितने विषय हो सकते हैं पाने के लिए, उनमें बेतरतीब वृद्धि आ गई है। आज से पचास साल पहले, जितनी चीज़ें हो सकती थीं, कि जिन्हें पाया जा सकता था, आज उससे सौ-गुना चीज़ें मौजूद हैं। न सिर्फ़ वो मौजूद हैं, वो तुम्हें हर समय अपने आप को प्रदर्शित कर रही हैं। तो उपभोग करने की जितनी वस्तुएँ उपलब्ध हैं, उनमें बड़ी तेज़ी से वृद्धि हुई है।