डरे मन को साहस नहीं, कुछ और चाहिए
साहस की ज़रूरत तो तब पड़े न जब वाकई तुम्हारे सामने कुछ डरावना खड़ा हो।
एक आदमी पी कर के पेड़ को भूत समझ रहा है और काँपे जा रहा है। उसको साहस चाहिए या होश चाहिए?
किसी को साहस नहीं चाहिए। तुम्हें होश चाहिए!
साहस माँगना और ज़्यादा दर्शाता है कि बड़े बेहोश हो।