डराने वाले को छोड़े बिना डर कैसे छोड़ोगे?

प्रश्न: लोग बोलते हैं, “मैंने साधना की तो तत्वज्ञान मिला, उससे परम शान्ति प्राप्त हो गयी।”
‘तत्वज्ञान मिला’, लेकिन आप कह रहे हैं कि मिलता कुछ नहीं है, तो ये भी एक गलत वक्तव्य है कि ‘तत्वज्ञान मिला’, और उसके बाद ‘परम शान्ति को मैं प्राप्त हो गया’, मतलब तत्वज्ञान के पहले मैं जो था उसी को परम शान्ति मिली है, मतलब ‘मैं’ अभी हूँ। ये तो पूरा का पूरा वक्तव्य ही गलत है। पूरा गलत है? कृपया सहायता करें।