ज्ञान का उपयोग नहीं कर पाते
आचार्य प्रशांत: आप किसी चीज़ को अस्तित्वमान तभी कह सकते हो जब वो कहीं-न-कहीं ख़त्म होती हो। ये जो दीवार है अगर ये ख़त्म ना हो तो फिर ये दीवार हो नहीं सकती। ये बात सुनने में अजीब लगेगी पर ग़ौर करिए। ये जो दीवार है अगर ये ख़त्म ही ना होती हो तो फ़िर ये दीवार हो नहीं सकती। फ़िर आप उसका अनुभव ही नहीं कर पाओगे। किसी भी चीज़ का अनुभव करने के लिए ज़रूरी है कि उसका अंत आता हो। जिस चीज़ का कोई अंत नहीं आता उसका कोई अनुभव नहीं हो सकता। तो फ़िर हम कह रहे…