14 min readApr 27, 2022
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ज्ञान और बोध में अंतर
प्रश्नकर्ता: बोध क्या है? अबोध कौन है और आत्मबोध कब प्राप्त होता है?
आचार्य प्रशान्त: भाषा की मजबूरी यह है कि उसे वो सब भी कहना पड़ जाता है जो कहा नहीं जा सकता और जिसे कहने की चेष्टा भी नहीं करनी चाहिए। उसमें खूबसूरती तो है पर ख़तरा भी उतना ही गहरा है। खूबसूरती इसीलिए है क्योंकि आदमी के मन से निकली भाषा ने ये स्वीकार तो किया कि आदमी के मन से आगे कुछ है। और ख़तरा यह है कि आदमी के मन से यदि भाषा निकली है, यदि शब्द निकला है तो वो कभी भी ये मानने को उत्सुक हो सकता है कि बात मन की ही तो है, मन से आगे की नहीं।