जो तुम्हें अशांत करे, सो गलत

श्रोता: आपने बोला कि गलत या बुरे को गलत बोलना सही होता है, लेकिन जब भी मैं ये करती हूँ, तो मैं ज़्यादा अशांत करती हूँ, जितनी किताबें मैंने अभी पढ़ी हैं या फिर पेरेंट्स ने जो सिखाया अगर आप कुछ गलत में भी अच्छाई ढूंढ सकते, तो वो ज़्यादा शान्तिदायक लगता है|

वक्ता: वो समायोजित होने की, एडजस्टेड होने की एक विधि है।गलत का अर्थ समझना, तुमने पूछा कि “एक ओर तो बात ये है कि गलत को गलत बोलो और दूसरी ओर ये कि नहीं, गलत में भी…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org