जो उत्कृष्ट नहीं वो कृष्ण से बहुत दूर
2 min readAug 12, 2020
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कृष्ण कह रहे हैं कि या तो मन को अचल करके सीधे ही मुझ तक पहुंच जाओ और वास्तव में अचल मन का नाम ही कृष्णत्व है। यदि संसार में उलझे हो तो उत्कृष्टता ही कृष्ण तक पहुंचने का मार्ग है। प्रकृति में मूल रूप से विविधता तो होती है पर उत्कृष्टता नहीं होती। इसलिए उत्कृष्टता प्रकृति का अतिक्रमण है।
प्रकृति में साधारण हाथी होते हैं पर ऐरावत कहां से आ गया, यही असाधारणता कृष्णत्व है। पर्वतों में गोवर्धन अतिबलशाली…