जीवित गुरु खतरनाक क्यों?
प्रश्नकर्ता: कभी-कभी हमें ये लगता है कि हमारे साथ गुरु हैं, मतलब हम गुरु के साथ हैं, तो हम कुछ भी कर सकते हैं।
(श्रोतागण हँसते हैं)
मन निडर हो जाता है और वो कभी-कभी गलत दिशा में जाने लगता है। लगता है कि हाँ गलत है लेकिन फिर भी मन साथ नहीं देता। बस यही आवाज़ आती है कि तुम्हारे साथ गुरु है, तुम करो।
क्या करूँ?