जीवन में पैसे का कितना महत्व है?
हमारा प्लेसमेंट हो रहा था IIM में, तो मेरे साथ के एक सहपाठी की छः लाख की नौकरी लगी। अब उन दिनों मोबाइल फ़ोन हम नहीं रखते थे, इतना चलन नहीं था। तो पहले तो वो जी भर के रोया कि बर्बाद हो गया, सिर्फ़ छः लाख की नौकरी लगी, बड़ी मुश्किल से उसे आत्महत्या करने से रोका गया। और ये आज से पंद्रह साल पहले की बात है। उसके बाद वो पास ही के टेलिफ़ोन बूथ पर गया, तो मैं उसके साथ-साथ गया। मैंने कहा पता नहीं कहाँ रास्ते में ही कट मरे, क्या हो? इसका कोई…