जीवन में क्या चुन रहे हो, गौर करो
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आदमी कितना हारा हुआ है, ये उसे ही पता चलता है, जिसने जीतने की पूरी कोशिश कर ली है।
जो जीतने की कोशिश ही नहीं कर रहा, जो साधना ही नहीं कर रहा, उसको सबसे बड़ा नुकसान यही होता है कि वो आजीवन इसी भ्रम में जीता है कि — “साहब अभी हमने कोशिश ही नहीं की है। जिस दिन हम मैदान में उतरेंगे, मैदान हमारा है।”
मैदान में उतरो न।
मैदान में उतरोगे, तभी तो अपनी गहरी शिकस्त का अहसास होगा।
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