Sitemap

Member-only story

जीवन में क्या चुन रहे हो, गौर करो

आदमी कितना हारा हुआ है, ये उसे ही पता चलता है, जिसने जीतने की पूरी कोशिश कर ली है।

जो जीतने की कोशिश ही नहीं कर रहा, जो साधना ही नहीं कर रहा, उसको सबसे बड़ा नुकसान यही होता है कि वो आजीवन इसी भ्रम में जीता है कि — “साहब अभी हमने कोशिश ही नहीं की है। जिस दिन हम मैदान में उतरेंगे, मैदान हमारा है।”

मैदान में उतरो न।

मैदान में उतरोगे, तभी तो अपनी गहरी शिकस्त का अहसास होगा।

पूरा वीडियो यहाँ देखें।

आचार्य प्रशांत के विषय में जानने, और संस्था से लाभान्वित होने हेतु आपका स्वागत है

--

--

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

Written by आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

No responses yet