जीवन में ऊब और परेशानी क्यों?

प्रश्न: आचार्य जी, मानव जीवन में ‘बोरियत’ शब्द का क्या कोई वास्तविक मतलब है? मैं अपने आसपास बहुत लोगों को यह बोलते सुनती हूँ कि — “बहुत बोर हो रहे हैं।” लेकिन मैं अपने जीवन में अभी बोरियत या ऊब महसूस नहीं करती हूँ, चाहे मैं अकेले ही बैठी हूँ। तो मुझे अभी-अभी ऐसा लगता है कि मैं ही ग़लत हूँ, और मेरे आसपास लोग ज़्यादा एक्टिव हैं, सक्रिय हैं। तो ये बात क्या है?

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org