जीवन के हर मुद्दे को समस्या मत बना लेना
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, प्रणाम। मुझे कई बार अजीब-सी स्थिति अनुभव होती है, उस समय मन में कोई हलचल या बेचैनी इत्यादि नहीं होती है, साँस भी तब बहुत स्थिर और लयबद्ध हो जाती है, दिल की धड़कनें स्पष्ट अनुभव होती हैं और उस समय बस पड़े रहना अच्छा लगता है। कुछ समय बिताने के बाद जब उठते हैं, चलते-फिरते हैं तो थकान तो नहीं लगती है, पर फिर भी भारीपन लगता है, सन्नाटा जैसा छाया रहता है।