जीना माने क्या?
क्या जीवन का अर्थ यही है- उठना, बैठना, खाना, पीना, चलना, सोना और मर जाना? क्या यही जीवन है, या जीवन कुछ और भी है, इसके अलावा, इसके परे, इससे आगे? समझेंगे इसको।
यह तुम जो कुछ भी कर रहे हो, या जो ये सब दिखाई देता है, भौतिक रूप से, याद रखना एक अच्छा यंत्र भी ये सब कुछ कर सकता है| अगर तुम अपनी भौतिक, जैविक क्रियाओं को ही जीवन समझ रहे हो, तो याद रखना एक ऐसा यंत्र बनाया जा सकता है जो साँस ले।
क्या है साँस लेना? हवा अंदर जाती है और उसकी ऑक्सीजन किन्हीं दूसरे अणु के साथ एक रासायनिक प्रतिक्रिया पैदा करती है, और कुछ बन जाता है। और एक पंप है जो इसको वापस बाहर भेज देता है। ठीक है? तो साँस लेना तो एक यांत्रिक कृत्य हुआ, कोई भी यंत्र कर सकता है। इसी प्रकार तुम जो कुछ भी कर सकते हो, वो कोई रोबॉट भी कर सकता है।
एक अच्छा सुविकसित रोबॉट वो सारे काम कर सकता है, जो हम जीवन भर करते रहते हैं। वो चल सकता है और उसमें भी सोचने की शक्ति लायी जा सकती है। सोच क्या है? तुम्हारे भीतर एक डेटाबेस है, और तुम्हारे भीतर एक प्रोग्राम है। तुम सोचते वही हो जो तुम्हारे पुराने अनुभवों में शामिल है, नया तो तुम सोच भी नहीं सकते। एक रोबॉट में ये शक्ति भी डाली जा सकती है। देखना, सुनना तो साधारण-सी बात है, वो तो ये कैमरा भी कर रहा है। एक रोबॉट भी कर सकता है।
तो निश्चित रूप से इनका नाम तो जीवन नहीं हो सकता। जीवन कुछ और है, जीवन कुछ ऐसा है जो रोबॉट के लिए संभव नहीं है, पर तुम्हारे लिए संभव है। वो क्या है? चलो कैमरे का ही उदाहरण ले लेते हैं।