जान लगा के खेलो
1 min readJul 24, 2020
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जान लगा के खेलो
लगा दो सबकुछ दाँव पर
ताकि खेल खत्म हो सके
और मिले नींद ऐसी उत्कट
जिसमें न सपना न करवट।
जो ऐसे खेल गया
अंतिम नींद सिर्फ़ उसे मिलेगी
वरना बार बार उठना पड़ेगा
जो अधूरा रह गया है
वो पूरा करना पड़ेगा।
आचार्य प्रशांत के विषय में जानने, और संस्था से लाभान्वित होने हेतु आपका स्वागत है।