जानवरों को इंसान मत बनाओ

अक़्सर हम जब बोलते हैं कि पशुओं पर दया करो तो हम बड़े दयाभाव से बोलते हैं, बड़ा उसमें अहंकार होता है कि दया करो।
अपने पर दया कर लो, पशु को तुम्हारी दया की नहीं, दोस्ती की ज़रूरत है। दोस्ती कर सकते हो तो करो, दोस्ती में दोनों बराबर होंगे। दोस्ती में यह नहीं होगा कि मैं ऊपर हूं और पशु नीचे है। तो उस भ्रम से भी बचना है।