जानवरों के प्रति संवेदना
प्रश्न: आचार्य जी, अक्सर सड़कों पर जानवरों को मृत देखता हूँ, देखकर वेदना भी उठती है। और यह भी देखता हूँ कि मैं किस प्रकार उस वेदना का गला घोट देता हूँ और आगे बढ़ जाता हूँ। कहाँ चूक हो रही है?
आचार्य प्रशांत: गौरव (प्रश्नकर्ता), चूक यह हो रही है कि तुम्हारी वेदना बहुत स्थूल है। पहली बात तो — वेदना तब उठ रही है जब जानवर मर ही जाए, उससे पहले नहीं उठ रही। और दूसरी बात — सिर्फ़ उस जानवर के लिए उठ रही है जो तुम्हारी आँखों के…