जानवरों के प्रति संवेदना
चूक यह हो रही है कि तुम्हारी वेदना बहुत स्थूल है। पहली बात तो — वेदना तब उठ रही है जब जानवर मर ही जाए, उससे पहले नहीं उठ रही। और दूसरी बात — सिर्फ़ उस जानवर के लिए उठ रही है जो तुम्हारी आँखों के सामने मरा पड़ा है। अभी दो-चार दिन पहले मैंने सबको एक आंकड़ा बताया था। मैंने कहा था कि प्रति-मिनट तीन लाख जानवर मारे जा रहे हैं। तब वेदना नहीं उठ रही थी तुमको? यह बड़ी स्थूल वेदना है। किसी को कष्ट मिल रहा है तो वेदना नहीं उठ रही, पहली बात तो उसे मरना…