ज़िन्दगी ही गुरु है
1 min readApr 3, 2020
ज़िन्दगी और गुरु, दोनों ही कष्ट देकर सिखाते हैं। और कष्ट से जो हाय-हाय कर बिलबिलाने लगें, सीख उनके लिए नहीं।
ज़िन्दगी से नहीं सीखना, तो हम जीने से कतराने लगते हैं।
गुरु से नहीं सीखना, तो हम गुरु से मुँह बचाने लगते हैं।
सीखने और जीने के लिए जिगर चाहिए। ज़िन्दगी ही तो गुरु है।
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