ज़िंदगी कमीनी है, किसी को नहीं छोड़ती, इसलिए मुस्कुराओ
बेपरवाह जियो और बुलन्द जियो।
ज़िन्दगी कमीनी है, किसी को नहीं छोड़ती।
इसलिए मुस्कुराओ!
सुख आदि झूठी बातें, ढ़कोसला,
यहाँ सुख किसको मिलना है?
इसलिए मुस्कुराओ!
ये ऐसी लड़ाई है जिसमें पिटोगे भी
और मारे भी जाओगे।
निश्चित है नतीजा।
इसलिए मुस्कुराओ!
यहाँ से कोई ज़िंदा बाहर नहीं जाने वाला
इसलिए मुस्कुराओ!
सामने जो खड़ा है उसने बड़ा अन्याय किया है।
उसने शरीर में ही हमारे दुश्मन बैठा दिए हैं।
इसलिए मुस्कुराओ!
उसको बोलो, तेरे अन्याय का एक ही जवाब है मेरे पास।
क्या?
मेरी मुस्कुराहट।
तू जीत के भी नहीं जीतेगा।
तूने बंदोबस्त तो पूरा कर दिया था
कि मैं दुःख में रहूँ, रोता रहूँ।
भीतर भी माया।
बाहर भी माया।
भीतर वृत्तियों का पसार।
बाहर मायावी संसार।
तूने तो पक्का प्रबंध ही कर दिया था
कि मैं रोता ही रहूँ।
लेकिन मैं मुस्कुराउंगा।
मुस्कुराने की मेरे पास कोई भी वजह नहीं है।
दुःख ही दुःख है।
लेकिन मैं मुस्कुराउंगा!
कोई वजह नहीं है,
इसलिए मुस्कुराउंगा!
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