जवान हो, वाकई?
ज़्यादातर लोगों को यह एहसास भी नहीं होता कि ज़िन्दगी कितनी खाली है। अधूरेपन का, खालीपन का एहसास होना बहुत बड़ा सौभाग्य है क्योंकि इससे शायद आगे का रास्ता निकल सकता है, कुछ बात बन सकती है।
जिस बीमार को यह पता ही ना हो कि मैं बीमार हूँ, उसका मरना पक्का है, इलाज की कोई सम्भावना नहीं है। हम जैसे जीते हैं उन तरीकों में यह होना ही है कि सच ,हमें छू जाए और एहसास करा जाए कि मामला गड़बड़ है। यह ऐसी सी बात है कि जैसे एक अँधा आदमी हो जिसने अपने आपको…