जब आत्मा का नूर चहरे पर चमकता है, तब उसे सुंदरता कहते हैं।

वही है वास्तविक सौंदर्य — सत्यं शिवं सुन्दरम्।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org