जब असफलता से आत्महत्या का विचार आए

मैं वही पुरानी सीख दे सकता हूँ कि “श्रम करोगे तो जो परिणाम आ रहा है वो बेहतर होगा,” लेकिन गारंटी या आश्वासन कुछ नहीं है, ख़ासतौर पर नौकरी जैसी चीज़ में। अगर कहीं पर रिक्त पद ही दस हैं और उन पदों के लिए आवेदन करने वालों की संख्या एक लाख है, तो मैं तुम्हें ये नहीं कहना चाहूँगा कि ऐसा घनघोर श्रम करो कि तुम शीर्ष दस में आ जाओ, क्योंकि यदि एक लाख लोग कोई परीक्षा दे रहे हैं तो उसमें शीर्ष दस में आने के लिए श्रम ही काफी नहीं होता। बहुत…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org