Jul 18, 2022
जगत को पूरा सम्मान दो। वैसा ही सम्मान जैसे दो दिन के फूल को दिया जाता है।
दो दिन का फूल सिर्फ दो दिन के लिए आया है, सम्मान तो उसे फिर भी देते हो न?
पर याद रखते हो कि ये दो दिन का है। उससे चिपक नहीं जाते।
ये स्वस्थ चेतना है। वो जगत को देखती है, जगत से खेलती है, पर लगातार याद रखती है कि ये दो दिन का फूल है।
अभी आया, अभी जाएगा!