चोट खाए अहंकार, माफ़ करे अहंकार
एक कहावत है, ‘मुक्त आकाश में तुम कील नहीं गाड़ सकते, कील गाड़ने के लिए दीवार का होना ज़रूरी है’। इसका अर्थ समझो- कि कील भी, जिसमें इतनी धार है, खुले आकाश का कुछ नहीं बिगाड़ सकती; काट नहीं सकती, उसको पीड़ा नहीं पहुँचा सकती है। कील भी तुम्हें तब ही पीड़ा पहुँचा पाएगी जब तुम में अहम की दीवार खड़ी हो वरना कोई आएगा कील लेकर और तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। तुम पीड़ित ही इसलिए होते हो क्योंकि अहंकार है। सच तो यह है कि अहंकार के अलावा और कुछ…