घर जल रहा हो, तो एकांत ध्यान करना पाप है
जब घर में आग लगी हो तब एकांत में बैठकर ध्यान करना मूर्खता ही नहीं, पाप है और अभी घर में आग लगी हुई है।
आज के युग में एक ही तरह का ध्यान संभव है और सम्यक है और वो ध्यान है अनवरत, अथक, अगाध कर्म।
जब समय तुमसे अथक कर्म की उम्मीद कर रहा हो, उस वक़्त तुम कहो कि मैं एकांत में बैठकर मौन ध्यान लगा रहा हूँ, तो मेरी नज़र में यह गुनाह है।