गुरु तुम्हारी बीमारी के कारणों का कारण जाने
आचार्य प्रशांत: जो अपने मन को जान जाता है, वो जो यह पूरा विस्तृत मन है, इसको भी जान जाता है। इतना तो हम समझते ही हैं, कई बार बात कर चुके हैं कि एक विशाल तंत्र है, और उस विशाल तंत्र में सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। अगर कोई यह कह सकता है कि, “काम मेरी मर्ज़ी से हो रहा है,” तो समूचा तंत्र यह कह सकता है एक साथ।
ऐसे समझ लो, एक समुद्र है, उस समुद्र में एक लहर उठ रही है कहीं पर, और एक लहर उससे…