गुरु तुम्हारी बीमारी के कारणों का कारण जाने
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आचार्य प्रशांत: जो अपने मन को जान जाता है, वो जो यह पूरा विस्तृत मन है, इसको भी जान जाता है। इतना तो हम समझते ही हैं, कई बार बात कर चुके हैं कि एक विशाल तंत्र है, और उस विशाल तंत्र में सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। अगर कोई यह कह सकता है कि, “काम मेरी मर्ज़ी से हो रहा है,” तो समूचा तंत्र यह कह सकता है एक साथ।
ऐसे समझ लो, एक समुद्र है, उस समुद्र में एक लहर उठ रही है कहीं पर, और एक लहर उससे चार हज़ार किलोमीटर दूर कहीं उठ रही है। एक छोटी सी मछली यहाँ पर अपने आने-जाने का, हिलने का प्रबंध कर रही है, और पाँच हज़ार मील दूर एक दूसरी छोटी मछली कुछ कर रही है। अब देखने में क्या लगता है? देखने में यही लगता है कि ये लहरें अलग-अलग हैं, देखने में यही लगता है कि मछलियाँ अलग-अलग हैं, पर वो सब उसी विशाल व्यवस्था में हैं।
यह भी कहना गलत होगा कि वो उसके हिस्से हैं। यह बात जो कही जाती है न कि, “मनुष्य परमात्मा का अंश है, यह बहुत गलत बात है”। हिस्सा-विस्सा कुछ नहीं है, सब एक है। हिस्से का तो अर्थ ये हुआ कि विभाजन है। विभाजन जैसी कोई चीज़ नहीं है।
यकीन मानो, अगर इतने समुद्र हैं, सब जुड़े हुए हैं किसी एक समुद्र से, मान लो भारतीय महासागर से तुम एक मछली निकाल लो, तो बिल्कुल यकीन मानो कि किसी दूसरे महासागर में, मान लो अटलांटिक महासागर में, या प्रशांत महासागर में इसका असर पड़ेगा। इसका असर वहाँ तक पड़ेगा।
सब इतना जुड़ा हुआ है, एक तंत्र है पूरा। उस तंत्र में कोई कुछ नहीं कर रहा क्योंकि जो भी जो कुछ कर रहा है वो उस तंत्र से ही निर्धारित हो रहा है। तुमने मछली निकाली। तुमने मछली क्यों निकाली? क्योंकि तुम्हारे पीछे दस कारण थे, उन दस कारणों के पीछे दस कारण थे, और जितने कारण थे सब उस तंत्र के अन्दर के थे। सारे कारणों को इकट्ठा कर लो तो जो बनता है, उसका नाम है वो बड़ा तंत्र — जाल, नेटवर्क।
सेस्मिक वेव्स (भूकंपीय तरंगें) जो चलती हैं, वो इतनी सूक्ष्म होती हैं कि कहा गया है कि जापान में बैठ के तितली पंख फड़फड़ाए तो अमेरिका में भूचाल आ सकता है, थोड़ी सी प्रोबेबिलिटी (संभावना) है। इतनी जुड़ी हुई हैं सारी चीज़ें।
अब तितली ने पंख क्यों फड़फड़ाए? क्योंकि एक छोटा बच्चा उसकी ओर उसे पकड़ने आ रहा था। छोटा बच्चा पकड़ने क्यों आ रहा था? क्योंकि उसकी बहन ने घर से निकाल दिया था। बहन ने घर से क्यों निकाल दिया था? क्योंकि बहन ईर्ष्यालु थी। बहन ईर्ष्यालु क्यों थी? क्योंकि उसने पड़ोस के घर में देखा था कि जब छोटा भाई आता है तो बड़ी बहन पर ध्यान नहीं दिया जाता। पड़ोस के घर में यह क्यों हो रहा था? क्योंकि उनके जीन में था। जीन में क्यों था? क्योंकि पूरा समय का चक्र है।