गुरु जो तुम्हारे नकली सत्यों को नकली दिखा दे
राम तजूं पर गुरू ना विसारुं।
गुरू के सम हरि को ना निहारूं॥
~ सहजोबाई
प्रश्न: गुरु को स्थान राम के भी ऊपर क्यों दिया गया है?
वक्ता: इसलिए दिया गया है क्योंकि राम तुम्हारे लिए बस नाम है। हाँ? राम तुम्हारे लिए बस नाम है। गुरु तो फिर भी एक रूप है, रंग है, आकार है। व्यक्ति है तुम्हारे लिए? अपने को भी व्यक्ति जानते…