गीता-ज्ञान कॉर्पोरेट मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए है?

दो बहुत अलग-अलग उद्देश्य होते हैं व्यक्ति के, व्यक्ति वो जो निराशा पाता है, असफलता पाता है, जिसके सामने कष्ट है, जिसके सामने कोई न कोई समस्या खड़ी है, उसका नाम है व्यक्ति। अब ये व्यक्ति या तो कह सकता है कि मुझे जो पाना है, वो पाना ही है, मैं जो मानता हूँ वो ठीक ही है, मेरी जैसी चाल है वो उचित ही है और मुझे तो बस थोड़ा सहारा चाहिए कि मैं किसी तरह अपने द्वारा निर्धारित, अपनी मंज़िल के रास्ते में आ रहे चुनौतियों…