खाने और कपड़ों के प्रति आकर्षण

प्रश्न:

कबिरा यह मन लालची, समझे नहीं गंवार।

भजन करन को आलसी, खाने को तैयार।।

~ गुरु कबीर

आचार्य जी, मेरा मन तो खाने के साथ-साथ वस्त्रों आदि की ओर भी बहुत आकर्षित रहता है। वस्त्र खरीदती भी बहुत हूँ, पर कभी तृप्त नहीं होती। कृपया मार्गदर्शन करें।

--

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

Get the Medium app

A button that says 'Download on the App Store', and if clicked it will lead you to the iOS App store
A button that says 'Get it on, Google Play', and if clicked it will lead you to the Google Play store
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org