क्या सिर्फ़ राम को याद रखना पर्याप्त है?
प्रश्नकर्ताः ‘नहिं कलि करम न भगति बिबेकु, राम नाम अवलंबन एकु’ — आपको भी सुना कई बार कि नाम एक ऐसी चीज़ है जो निराकार और साकार दोनों के बीच का है। तो मैं बच्चों को ये भी बताता हूँ कि प्रभु के नाम का सहारा लो, उनका स्मरण करो । हर काम करो तो प्रभु को याद करके करो, उनको केन्द्र में रखकर, उनको धन्यवाद देकर करो। ‘देह भाव से मुक्त होकर’ कुछ ऐसा भी बताता हूँ। तो इसमें मैं खुद क्या करुँ? मैं खुद अंधेरे में हूँ कि प्रभु के नाम…