क्या मन का दमन सदा गलत है?

वास्तव में जब तक विवेक न आ जाए, दमन बहुत आवश्यक है। जब तक मन से एकाकार होकर चल रहे हो, तब तक दमन करना आना चाहिए, नहीं तो अपना ही नुकसान कर बैठोगे। आजकल की पीढ़ी दमन को महत्व नहीं देती और यह आत्मघाती है। दमन साधना के आवश्यक अंगों में से है।
विवेक के अभाव में यदि तुम्हें कभी-कभी दिखता भी होगा कि तुम कुछ गलत कर रहे हो, तो भी तुम गलत की दिशा में ही जाओगे। जो अभी भीतर से भ्रम, तमस और माया का गुलाम है, उसके लिए स्वच्छंद हो…